इतिहास और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
तेर, अर्थात् तीरंदाज़ी‑आधारित लॉटरी, मेघालय में 1950‑के दशक से चल रही परंपरा है। मेघालय लॉटरी डिपार्टमेंट के अनुसार, यह प्रणाली मेघालय एमीज़मेंट एंड बेस्टिंग टैक्स एक्ट (1995) के तहत कानूनी मान्यता प्राप्त है, जिससे यह राज्य के एकमात्र वैध जुए के रूप में मान्यता पाता है।
खासी जनजाति की शिल्पकला और युद्धकला से जुड़ी तीरंदाज़ी को आधुनिक लॉटरी में बदलना एक अनोखा प्रयोग है—पुरानी निष्ठा को आज के आर्थिक अवसरों से जोड़ना। इस कारण प्रतिदिन के तीन सत्र (सुबह, दोपहर‑शाम, रात) न केवल मनोरंजन बल्कि युवा तीरंदाज़ों के प्रशिक्षण का मंच भी बन चुके हैं।
आज के जाँच‑परिणाम
21 जनवरी 2025 को दो मुख्य सत्र हुए। पहले सत्र (सुबह) में 62 और 03 नंबर सामने आए, जबकि मुख्य दोपहर‑शाम सत्र में क्रमशः 23 व 06 निकले। इन संख्याओं की घोषणा स्टेडियम के प्रमुख एरेंजमेंट बोर्ड द्वारा निर्धारित समय‑सूची के अनुसार 15:45 और 16:45 बजे की गई।
इसी दिन के साथ जुवाई तीर, खानापारा तीर और जुवाई मॉर्निंग तीर भी चलाए गए, जिनके नंबर अलग‑अलग समय पर प्रकाशित हुए। यह विविधता दर्शाती है कि पूरे मेघालय में इस लॉटरी की मांग कितनी विस्तृत है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
मेघालय लॉटरी डिपार्टमेंट ने बताया कि 2024‑25 वित्तीय वर्ष में तीर खेल से राज्य को लगभग ₹२.८ करोड़ की अतिरिक्त आय हुई। इस आय का एक बड़ा हिस्सा सड़कों, स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधाओं की बोली में पुनः निवेश किया जाता है। प्रमुख आर्थिक विश्लेषक डॉ. ए. के. लुटर ने कहा, "तेर केवल जुआ नहीं, बल्कि नौकरी‑सृजन और स्थानीय व्यापार को भी गति देता है।"
सामाजिक स्तर पर, तीरंदाज़ी अकादमी में साल‑भर १,२०० से अधिक युवा प्रशिक्षु भाग लेते हैं। हर सत्र में लगभग १ लाख टिकिटें बेची जाती हैं, जिससे छोटे‑बड़े विक्रेताओं को रोज़ग़ार मिलता है।
भविष्य की योजना और चुनौतियां
खासी हिल्स आर्चरी स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने आगामी वर्ष में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए परिणाम रीअल‑टाइम प्रसारित करने का प्रस्ताव रखा है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि दूर‑दराज़ गाँवों में भी भागीदारी आसान होगी। दूसरी ओर, कुछ सामाजिक संगठनों ने जुआ‑निर्भरता की जोखिमों को लेकर आवाज़ उठाई है; उन्होंने तीर खेल को युवा वर्ग के लिए सीमित करने की माँग की है।
नियमों में परिवर्तन, ऑनलाइन बुकिंग, और तीर दौड़ के अंतरराष्ट्रीय क्लबों के साथ सहयोग इन सालों में सम्भावित हैं। जो लोग इस पर दबी हुई आशा रखते हैं, उनके लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।
सारांश – क्यों यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है?
शिलॉंग तीर सिर्फ अंक‑बांट नहीं—यह मेघालय की सांस्कृतिक धरोहर, आर्थिक मदद और सामाजिक जुड़ाव का मिश्रण है। आज के परिणाम, 23‑06 और 62‑03, उन लोगों के लिए आशा की किरन हो सकते हैं, जो टिकट खरीदते हैं और अपने भविष्य की झलक देखना चाहते हैं। साथ ही, इस प्रणाली में आए बदलाव हमें बतलाते हैं कि परम्परा और तकनीक कैसे साथ चल सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शिलॉंग तीर के परिणाम कहाँ देख सकते हैं?
परिणाम आधिकारिक तौर पर मेघालय लॉटरी डिपार्टमेंट की वेबसाइट और स्थानीय टेलीविजन चैनलों पर प्रकाशित होते हैं। स्टेडियम में भी बड़े स्क्रीन पर रीयल‑टाइम अपडेट दिखाया जाता है।
तेर खेल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
तेर का उद्देश्य पारंपरिक तीरंदाज़ी को आधुनिक लॉटरी के साथ जोड़ना है, जिससे सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखा जा सके और साथ ही राज्य को राजस्व स्रोत मिले।
आज के सत्र में कौन‑से नंबर निकले थे?
मुख्य शिलॉंग तीर में दोपहर‑शाम सत्र के लिए 23 (पहला राउंड) और 06 (दूसरा राउंड) तथा मॉर्निंग तीर सत्र में 62 और 03 नंबर निकले।
तेर खेल से मेघालय की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ता है?
2024‑25 में तीर से राज्य को लगभग ₹२.८ करोड़ कर आय मिली, जिसका बड़ा भाग बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य में पुनः निवेश किया जाता है।
भविष्य में तीर खेल में क्या बदलाव की उम्मीद है?
खासी हिल्स आर्चरी स्पोर्ट्स एसोसिएशन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर रीयल‑टाइम परिणाम, ऑनलाइन टिकट बुकिंग और अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज़ी क्लबों के साथ साझेदारी जैसे कदम उठा रहा है।