रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ बेनकाब भ्रष्टाचार अंबेडकर नगर *बारिश ने मंडीप्रशासन के गंदगी व पानी निकासी के दावों की खोली पोल*

6
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*बारिश ने मंडीप्रशासन के गंदगी व पानी निकासी के दावों की खोली पोल*
अंबेडकरनगर।जनपद मुख्यालय अंबेडकरनगर के नवीन सब्जी मंडी सिझौली अकबरपुर की नवीन सब्जी मंडी में बारिश के बाद तो मंडी ने तालाब का रूप धारण कर लिया और पानी दुकानें के अंदर प्रवेश कर गया। दुकानदारों की सब्जी व फल खराब हो गए तथा उनकी दुकानदारी चौपट सी हो गई। सब्जी मंडी में भरे गंदे पानी के कारण आए दिन परेशानियां उठानी पड़ती है।इस बारिश ने प्रशासन के विकास व पानी निकासी के दावों की पोल खोल दी।
पानी भरा रहने के कारण यहां बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।बुधवार रात से हो रही बरसात सब्जी मंडी के लिए आफत बदकर आई है। बरसात के कारण सब्जी मंडी में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। जिस कारण आढ़तियों व खरीददारों को परेशानी उठानी पड़ी। यहां तक कि खरीददारी के लिए आने वाले की संख्या में भी काफी गिरावट आई है।
सब्जी मंडी में बरसात के कारण एक से डेढ़ फीट तक पानी जमा हो गया है। ऐसे में पानी से होकर गुजरना हर किसी के लिए मुसीबत बना। सुबह के समय मंडी में पहुंचे आढ़तियों को इसी पानी से होकर अंदर प्रवेश करना पड़ा। जैसे-तैसे मंडी के अंदर तो चले गए और खरीददारों का इंतजार करते रहे। अधिकतर लोग मंडी में जलभराव होने के कारण वे अपनी सब्जी को भी अच्छे से बाहर नहीं लगा पाए। वहीं जलभराव के कारण फल व सब्जी खरीदने वाले पास धारक भी मंडी से किनारा करते नजर आए। सबके सामने एक ही समस्या थी कि पानी से होकर मंडी में कैसे जाया जाए। ऊपर से इसी पानी से होकर सब्जियां भी लानी पड़ेंगी। आम तौर पर प्रतिदिन 750-1000 लोग सब्जी मंडी में खरीददारी करने के लिए आते थे। अगर बृहस्पतिवार की बात करें तो मात्र 150 लोग ही बड़ी मुश्किल से खरीददारी करने पहुंचे। ऊपर से उन्होंने भी सोच समझकर ही काफी कम मात्रा में फल व सब्जियों की खरीददारी की।
जलभराव के कारण फलों व सब्जियों का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। आढ़तियों ने सामान्य की तरह ही सब्जियां मंगवाए हुए थे, लेकिन वे बिक नहीं पाए। इसलिए अब आढ़तियों के सामने उन्हें सुरक्षित रखने की चुनौती है। खासकर टमाटर जैसी सब्जियों को, जिन्हें लंबे समय तक इस मौसम में सुरक्षित रखना मुश्किल है। हालांकि जलभराव से राहत के लिए मंडी में कोई व्यवस्था नहीं किया गया है, लेकिन जलभराव से राहत देने के लिए वह भी कोई व्यवस्था नजर नहीं आया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here