ब्लैक फंगस के लक्षणों को पहचानकर कराएं त्वरित इलाज – डॉ. सिन्हा*अश्विनी कुमार पाण्डेय ब्यूरो चीफ/ बेनकाब भ्रष्ट्राचार सन्त कबीर नगर –

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*ब्लैक फंगस के लक्षणों को पहचानकर कराएं त्वरित इलाज – डॉ. सिन्हा*
ब्यूरो चीफ/ बेनकाब भ्रष्ट्राचार सन्त कबीर नगर
– ब्लैक फंगस  के प्रति रहें सावधान, बचने के लिए है घरेलू उपचार
– लापरवाही से बढ़ सकती हैं जटिलता , जा सकती है आँखों की रोशनी

*संतकबीरनगर, 20 मई 2021।*

कोरोना से उबरने वाले लोगों के बीच ब्लैक फंगस की समस्या देखने को मिल रही है। इसके लक्षणों को पहचानकर अगर त्वरित इलाज नहीं कराया गया तो इसकी चपेट में आए व्यक्ति की आँखों की रोशनी जाने के साथ ही साथ अन्य जटिलताएं भी बढ़ सकती है । इसलिए आवश्यक है कि लक्षणों को पहचानकर इलाज कराएं तथा इससे बचने के लिए घरेलू उपचार का भी सहारा लें।

यह कहना है जनपद के पूर्व सर्विलांस अधिकारी रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ए.के. सिन्हा का। वह कहते हैं कि कोरोना से उबरने वाले कुछ मरीजों में ब्लैक फंगस की समस्या देखने कोमिलती है। ऐसे कई मरीज सामने आए हैं, जो कोरोना से तो उबर गए, लेकिन ब्लैकफंगस का शिकार होने के चलते जान गंवानी पड़ी है। वहीं बड़ी संख्या में ऐसेलोग भी हैं, जिन्हें इसके चलते आँखों की रोशनी गंवानी पड़ी।केंद्रसरकार ने ब्लैक फंगस की पहचान, उससे बचाव और इलाज को लेकर गाइडलाइंस जारीकी हैं। अनियंत्रित डायबिटीज के मरीजों और कोरोना के इलाज के दौरानस्टेरॉयड का सेवन करने वाले लोगों को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ताहै।ऑक्सीजन पर रहने वाले कोरोना मरीजों केअलावा सांस संबंधी बीमारियों और एंटी कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे लोगों को यह समस्या होती है। स्टेरॉयड की हाई डोज लेने वाले लोगों को भी ब्लैक फंगस का खतरा रहता है। 

कैसे पता लगाएं कि ब्लैक फंगस का हुए शिकार

नाक से खून आना या फिर काला सा कुछ पदार्थ निकलना। नाक बंद होना, सिर दर्द होना या फिर आंखों में जलन और दर्द होना। आंखों केआसपास सूजन होना। डबल विजन, आंखें लाल होना, दृष्टि कमजोर होना, आंखें बंदकरने में परेशानी होना, आंखें खोलने में दिक्कत होना आदि इसके प्रमुखलक्षण हैं। दांतों में दर्द हो, चबाने में कष्ट हो या फिर उल्टी और खांसने में खून आए तो तुरंत किसी नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। इसके अलावा किसी असामान्य बीमारी का इलाज करने वाले डॉक्टर से बात करें। 

यह हैं ब्लैक फंगस के लक्षण

नाक में और चेहरे पर सूजन, आंखों में लाली, काले रंग का पेशाब होना तथा मल त्याग करना। खून में सुगर अधिक होना ही ब्लैक फंगस की मूल पहचान है।

ब्लैक फंगस के कारण

बासी भोजन करना, पुराने टोस्ट और ब्रेड इत्यादि खाना, गन्दे कपड़े पहनना, गन्दे बेडसीट पर सोना, घर में पानी का लीकेज होना, टंग क्लीनर का गन्दा होना, फर्श का गन्दा होना, चकत्ते वाली सब्जी और फलों का सेवन करना, कोविड 19 की दवाओं में स्टेराइड का अधिक सेवन करना।

बचाव के यह हैं उपाय

पुराने तथा गन्दे कपड़े न पहने, उसमें बनने वाले पसीने से ऐसी दिक्कत होती है।
दाग लगी हुई सब्जियों और फलों को न तो पकाएं और न ही कभी खाएं।
पुरानी चद्दर को कभी न बिछाएं, घर को पूरी तरह से साफ और सूखा रखें।
बाथरुम को प्रतिदिन साफ करें, साथ ही बाथरुम में गीले कपड़े न रखें।

घरेलू उपचार भी है कारगर

डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि इसका घरेलू उपचार 1 से 2 चुटकी हल्दी, 1 चुटकी काली मिर्च, 2 से 3 लौंग, 2 चुटकी पिप्पली तथा 2 चुटकी दालचीनी को एक गिलास पानी में गर्म करके तीन बार पिएं। इससे शरीर में प्रतिरोधक शक्ति बढ़ेगी साथ ही ब्लैक फंगस से भी राहत मिलेगी।

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