रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ बेनकाब भ्रष्टाचार अंबेडकर नगर *कोरोना कर्फ्यू के साथ फल और खाद्य पदार्थों के बढ़ रहे हैं दाम*

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रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*कोरोना कर्फ्यू के साथ फल और खाद्य पदार्थों के बढ़ रहे हैं दाम*
अंबेडकरनगरकोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और इसके रोकथाम के लिए किश्तों में बढ़ाये जा रहे कोरोना कर्फ्यू का असर अब रोजमर्रा की इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं पर महंगाई के रूप में सामने आ रहा है। लाकडाउन की तर्ज पर जरूरत के सामानों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कोरोना कर्फ्यू के कारण फल, किराने के सामान के साथ खाद्य तेल और दालें भी काफी महंगी हो गयीं हैं।रोजमर्रा की चीजों के दामों में दिन बदिन हो रही बढ़ोत्तरीकेकारणआमजनमानस के सामने परेशानियां खड़ी हो गई हैं। कोरोना कर्फ्यू के बीच अधिकतर जरूरत के सामान मध्यम वर्गीय की पहुंच से दूर होता जा रहा है। किश्तों में बढ़ रहे कोरोना कर्फ्यू का फायदा अब दुकानदारों ने भी उठाना शुरू कर दिया है। सरसों का तेल ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में दो सौ रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है जबकि कोरोना कफ्र्यू से पहले यह 160 रुपये किलो था। यही हाल रिफाइंड का भी है। पहले 140 रुपये में मिलने वाला रिफाइंड अब 165 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। सोयाबीन 120 रुपये प्रति किलो है पहले यह मात्र 80 रुपये प्रति किलो थी। दालों के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं अरहर की दाल ने शतक पार कर दिया है, अब यह 110 रुपये प्रति किलो बिक रही है। कोरोना कर्फ्यू से पहले यह 80 से 90 रुपये प्रति किलो मिल रही थी मटर, चना और मसूर के दामों में भी मंहगाई के पंख लग गए हैं। चीनी की मिठास भी अब महंगी हो गयी है। 35 रुपये में मिलने वाली चीनी 38 रुपये की एक किलो मिल रही है। बताया जा रहा है कि जैसे जैसे कोरोना कफ्र्यू का समय बढ़ रहा है वैसे वैसे दैनिक इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतों में भी इजाफा हो रहा है ।जब से फल हुए कोरोना की दवा, कीमत छूने लगी आसमान: कोरोना काल मे डाक्टरों ने जब से खट्टे फल खाने की सलाह दी तो संतरा, मौसम्मी व अनार के दाम तो बढ़े ही थे इधर कोरोना कर्फ्यू में अन्य दूसरे फलों की कीमतें भी आसमान छूने लगी है। सेब दो सौ रुपये किलो है तो अनार 120 रुपये किलो बिक रहा है। मौसम्मी व संतरा के दाम भी 150 रुपये किलो तक पहुंच गये हैं। अंगूर भी 100 से 120 रुपये किलो बिक रहा है। कीवी 25 से 30 रुपये प्रति पीस बिक रही है। पपीता 60 रुपये तो केला भी 50 से 60 रुपये प्रति दर्जन है। फलों में तरबूज सबसे सस्ता है। खास तौर पर खट्टे फल जब से कोरोना की दवा बने हैं इनकी कीमत सातवें आसमान पर है।गुटखा की हो रही काला बाजारी: कोरोना कफ्र्यू में गुटखा व देसी दोहरा की खूब कालाबाजारी हो रही है और यह मनमाने दाम पर बेचा जा रहा है। पांच रुपये में दो मिलने वाला पुकार गुटखा अब दस का तीन हो गया है और कमला पसंद की कीमत भी ड्योढ़ी हो गयी है। एक रुपये में मिलने वाला विभिन्न कम्पनियों का देसी दोहरा पांच के तीन मिल रहे हैं।

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