रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*कोरोना संक्रमितों के लिए शुरू की गई टोकन प्रणाली की समयावधि बढ़ाने की मांग*
अम्बेडकरनगर।जिले में ऑक्सीजन की किल्लत भले ही कोरोना संक्रमित पर भारी न पड़े, लेकिन पिछले कई सालों से ऑक्सीजन पर ही निर्भर अन्य बीमारियों के मरीजों पर भारी पड़ रही है।प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमितों के लिए शुरू की गई टोकन प्रणाली से ऐसे लोगों को सिलिंडर बिल्कुल भी नहीं मिल पा रहे हैं। प्लांट से सिलिंडर भरवाने के लिए उनकेपरिजनोंकोअधिकारियों व नेताओं के दर पर जाकर गुहार लगानी पड़ रही है। वहीं कोविड अस्पताल सहित अन्य नागरिक अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को न तो डॉक्टर देख रहे हैं और न ही उन्हें अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है।औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा में संचालित जनपद की एक मात्र ऑक्सीजन प्लांट से रिफलिंग की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन ने लेते हुए टोकन व्यवस्था शुरू कर दिया है। तहसील मुख्यालय पर टोकन वितरण काउंटर बनाया गया है मगर मात्र चार घण्टा का समय होने के कारण जहां काफी भीड़ जमा हो रही है वहीं जरूरत मंदों को समय से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है।औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा के मोहल्लाह कश्मिरिया पर संचालित जनपद का एक मात्र ऑक्सीजन प्लांट ‘विश्वकर्मा ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूटर्स’ मौजूद है जहां से जिला अस्पताल, महामाया मेडिकल कालेज, एमसीएच एल-2 टाण्डा सहित होम आइसोलेट मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है। विश्वकर्मा ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूटर्स केंद्र पर अत्याधिक भीड़ उमड़ने व अन्य समस्याओं से बचने के उद्देश्य से उप जिलाधिकारी अभिषेक पाठकनेऑक्सीजन वितरण व्यवस्था को अपने ज़िम्मे ले लिया और तहसील मुख्यालयसेटोकनव्यवस्थाशुरू कर दिया। टोकन खिड़की को मात्र 04 घण्टा का समय निर्धारित किया गया जो प्रातः 10 बजे से 12 बजे एवं 03 बजे से 05 बजे तक ही रखा गया। मात्र चार घण्टा ही टोकन वितरण होने से टोकन काउंटर पर काफी भीड़ उमड़ने लगी और आपातकाल में जरूरतमंदों को जुवाड व सेटिंग की व्यवस्था का रास्ता देखना पड़ने लगा। सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर इकबाल ने सोशल मीडियाके माध्यम से टाण्डा उपजिलाधिकारी से मांग किया है कि ऑक्सीजन आपातकाल आवश्यकता है इसलिए टोकन खिलाड़ी को 24 घण्टा खोला फए और यदि दिक्कत हो तो कम से कम प्रातः 6 बजे से रात्रि 11 बजे तक 18 घण्टा अनवरत खोला फए जिससे होम आइसोलेट मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन की चिंता ना रहे और इससे जमा खोरी भी रुकेगी। सूत्रों के अनुसार मात्र चार घण्टा के कारण मरीज के परिजनों द्वारा किसी भी दशामें टोकन लेने का प्रयास करते हैं जिससे रात बिरात उनके मरीज़ को ऑक्सीजन कि कमी का सामना न करना पड़े और कई लोगों को तो अतरिक्त ऑक्सीजन रखते बहु
देखा गया लेकिन अगर महामारी के इस काल के दौरान 18 घण्टा आपातकाल टोकन खिड़की खुली रहे तो ऑक्सीजन मिलने की किसी को चिंता नहीं रहेगी और जब जिसको जरूरत होगी वो ऑक्सीजन प्राप्त कर लेगा।
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