रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ बेनकाब भ्रष्टाचार अंबेडकर नगर *जिले में कोरोना के प्रति नही हो पा रही कोई समुचित व्यवस्था*

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रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*जिले में कोरोना के प्रति नही हो पा रही कोई समुचित व्यवस्था*
अंबेडकरनगर। कोरोना को लेकर जिले में प्रशासन संवेदनशील नहीं दिखाई पड़ रहा है इसका एक उदाहरण हाल ही में इलाज ना होने के कारण अस्पताल परिसर के बाहर ही पत्रकार देवाशीष पांडे ने दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि पत्रकार की पत्नी उनको लेकर अस्पताल की बाहर डॉक्टरों से इलाज के लिए गुहार लगाती रही परंतु उनकी किसी ने नहीं सुनी। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जिले में level-2 के दो अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है जिनमें से एक महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज है तथा दूसरा टांडा का एमसीएच स्विंग है । मेडिकल कॉलेज में 300 बेड कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है जबकि एमसीएच विंग में 200 बेड का अस्पताल है। कहने को तो level-2 के अस्पतालों मे वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध होती है लेकिन टांडा के एमसीएच विंग की जो स्थिति है वह सरकार की व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है। अस्पताल में किसी भी एनेस्थीसिया की तैनाती आज
तक नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार वेंटीलेटर का संचालन एनएसथेटिस्ट के द्वारा ही किया जाता है। ऐसी स्थिति में जब इस कोविड अस्पताल में कोई तैनात ही नहीं है तो वहां भर्ती होने वाले मरीजों को level-2 के अस्पताल की सुविधा कैसे प्रदान की जाती होगी। गत वर्ष ही टांडा के एमसीएच विंग को कोविड-19 का दर्जा दिया गया था। उस दौरान शासन स्तर से वहां पर एक बेहोशी के एक चिकित्सक की तैनाती की गई थी लेकिन
पता चला है कि इस चिकित्सक को भी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है। मेडिकल कॉलेज में मौजूदा समयमे बेहोशी के दो-दो चिकित्सक कार्य कर रहे हैं जबकि एमसीएच विंग 200 बेड का अस्पताल है लेकिन यहां पर कोई भी बेहोशी का चिकित्सक नहीं है। ऐसी स्थिति में वहां पर मरीजों को वही सुविधाएं मिल रही हैं जो जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिल रही हैं। उन्हें वहा भी आक्सीजन के ही सहारे रखा जा रहा है। इस अस्पताल के नोडल अफसर व अपर मुख्य चिकित्सा
अधिकारी डॉ रामानंद ने स्वीकार किया कि एमसीएच विंग में कोई भी बेहोशी का चिकित्सक नहीं है इसलिए मरीजों को वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा पा रही है। उन्होंने बताया कि जो भी बेहोशी के
चिकित्सक है वह मेडिकल कॉलेज में है। इससे साफ है कि जिले का स्वास्थ्य महकमा व सरकार कोविड-19 के इलाज के प्रति कितना गंभीर है। लेवल 2 के इस कोविड अस्पताल में मरीजो को लेवल 1 की सुविधा ही मिल पा
रही है।

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