रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*इस साल करीब 21 लाख क्विंटल गन्ना कम पैदा होने से अकबरपुर चीनी मिल को एक महीने पहले ही बंद करनी पड़ी पेराई*
अंबेडकरनगर।गन्ने की खेती से किसानों का मोहभंग हो रहा है। इस साल करीब 21 लाख क्विंटल गन्ना कम पैदा होने से अकबरपुर चीनी को एक महीने पहले ही पेराई बंद करनी पड़ी। इससे गन्ना अधिकारियों के साथ चीनी मिल की चिता बढ़ गई है। इसके पीछे गत वर्षों में पर्ची को लेकर मची किचकिच को अहम कारण माना जा रहा है।जिले के करीब 46 हजार किसान चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति करने के लिए गन्ना विभाग के सहकारी समिति में पंजीकृत हैं। इनमें करीब 35 हजार किसान गन्ना आपूर्ति करने में सक्रिय हैं। गत वर्ष करीब 23 हजार हेक्टेयर में पेड़ी व बोवारी की फसल लगी थी, जबकि वर्ष 2019-20 में 25 हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल लगाई गई। वहीं वृहद स्तर पर लाल सड़न रोग के प्रभाव से गन्ने की उपज और प्रभावित हुई। चीनी मिल के रिकार्ड के मुताबिक तत्कालीन सत्र में 84.78 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई, जबकि गत साल 104.62 लाख क्विटल गन्ने की पेराई हुई थी। हालांकि, चीनी मिल के अधिकारियों का कहना है कि बस्ती और आजमगढ़ जनपद के 10 सेंटरों को बंद किए जाने से भी गन्ना आपूर्ति पर फर्क पड़ा है। गौरतलब है कि बस्ती जनपद के आठ सेंटर को मुंडेरवा और आजमगढ़ के दो सेंटर को सठियांव चीनी मिल से जोड़ दिया गया है। वहीं, जानकारों का कहना है कि यदि 10 सेंटर के गन्ने को निकाल भी दें तो भी आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर है। इसी के चलते पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल एक महीने पहले ही बुधवार को पेराई सत्र बंद करने की घोषणा करनी पड़ी। चीनी मिल के प्रबंधक (गन्ना) अरविद कुमार सिंह ने बताया कि गन्ने में लाल सड़न रोग लगने से पैदावार काफी प्रभावित हुई है। इस बार ज्यादा पैदावार के लिए किसानों को 0118 गन्ने की प्रजाति लगाने पर जोर दिया जा रहा है।
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