रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*एक माह के अंदर सीएचसी बेवाना व पीएचसी तेंदुआईकला का लाभ संबंधित क्षेत्र की लगभग सवा लाख की आबादी को मिलने लगेगा*
अंबेडकरनगर। एक माह के अंदर सीएचसी बेवाना व पीएचसी तेंदुआईकला का लाभ संबंधित क्षेत्र की लगभग सवा लाख की आबादी को मिलने लगेगा। दोनों अस्पतालों के भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। दोनों अस्पतालों के भवन को जल्द ही कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा सीएमओ कार्यालय को हैंडओवर कर दिया जाएगा। इसके बाद चिकित्सक व स्टॉफ की तैनाती के बाद दोनों अस्पतालों का संचालन प्रारंभ हो जाएगा।
अकबरपुर तहसील अंतर्गत बेवाना व अलापुर तहसील अंतर्गत तेंदुआईकला के मरीजों व उनके तीमारदारों को निकटवर्ती सीएचसी या फिर जिला अस्पताल तक की दौड़ न लगानी पड़े, इसके लिए वर्ष 2014-15 में बेवाना में 30 बेड वाले सीएचसी, जबकि तेंदुआईकला में 4 बेड वाले पीएचसी के निर्माण को शासन ने हरी झंडी प्रदान की थी। 5 करोड़ 9 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले सीएचसी तथा 1 करोड़ 45 लाख 5 हजार रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पीएचसी के निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई। तमाम उतार चढ़ाव के बीच बीते दिनों काम पूरा कर लिया गया।इस बीच गत दिवस कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम ने दोनों भवन के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिए जाने व भवन के हैंडओवर किए जाने का पत्र सीएमओ कार्यालय को भेजा था। इस पर जिलाधिकारी के निर्देश पर संबंधित तहसील के एसडीएम के नेतृत्व में पीडब्लूडी की तकनीकी टीम ने दोनों भवनों का स्थलीय निरीक्षण किया। सीएचसी बेवाना में खिड़कियों में जाली नहीं लगी थी, तो पोर्च का कार्य भी अधूरा मिला। इसके अलावा दोनों ही भवनों में कुछ कक्षों में बिजली के तार का कार्य अधूरा मिला। इस पर जांच टीम ने सभी कार्य अतिशीघ्र पूरा कराए जाने का निर्देश दिया।
उधर स्वास्थ्य विभाग के सहायक अभियंता विजयपाल सिंह ने बताया कि दोनों भवनों में कुछ कार्य रह गए थे। उन्हें पूरा कराए जाने का निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही कार्य पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा। इस बीच सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि पीएचसी तेंदुआईकला में चिकित्सक व फार्मासिस्ट की तैनाती कर दी गई है, जबकि सीएचसी बेवाना में भी स्टॉफ की तैनाती का कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा। ऐसे में एक माह के अंदर दोनों अस्पतालों का संचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा।