आजकल हर मिनट नई खबर आती है, और हमें समझ नहीं आता कि किस चैनल को भरोसा करना है। भारत में कई अंग्रेजी समाचार चैनल हैं – टाइम्स ऑफ इंडिया, द हिंदू, WION, Gravitas आदि। इनमें से कौन सी खबर पूरी तरह सटीक है, कौन सी सिर्फ सुर्खियां बढ़ाने के लिए हल्की‑फुल्की टिप्पणी देती है? इस लेख में हम कुछ आसान तरीका बताएंगे जिससे आप खुद तय कर सकेंगे कि कौन सा चैनल आपके लिये सबसे बेहतर है।
टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) को अक्सर तेज़ अपडेट के लिये पसंद किया जाता है। अगर आप जल्दी‑जल्दी खबरें पढ़ना चाहते हैं तो TOI के ऐप या वेबसाइट पर रोज़ाना कई बार चेक कर सकते हैं। द हिंदू का फोकस गहराई में होता है – वही खबरों को कई पहलुओं से देखते हैं, जिससे आपको किसी मुद्दे की पूरी समझ मिलती है।
WION और Gravitas अंतरराष्ट्रीय स्तर की रिपोर्टिंग पर ध्यान देते हैं। अगर आप भारत की खबरों के साथ‑साथ विश्व की भी बड़ी तस्वीर देखना चाहते हैं तो ये दो चैनल काम आते हैं। दोनों में अक्सर विशेषज्ञों के इंटरव्यू और डेटा‑ड्रिवेन विश्लेषण दिखते हैं, जो जानकारी को भरोसेमंद बनाते हैं।
सबसे पहला कदम – स्रोत की पारदर्शिता देखिए। अगर चैनल अपने रिपोर्टर, एडीटर और उनसे जुड़े संस्थानों का नाम स्पष्ट करता है तो भरोसे की संभावना बढ़ जाती है। दूसरा, एक ही खबर को दो‑तीन अलग‑अलग चैनलों पर मिलाकर देखें। अगर सभी में रिपोर्टिंग का ढंग समान है तो संभावना है कि खबर सही है।
तीसरा, टिप्पणी और राय को समाचार से अलग रखें। कई बार चैनल अपना व्यावसायिक हित दिखाने के लिये खबरों को बढ़ा‑चढ़ा कर पेश करता है। ऐसे में ‘साक्ष्य’ यानी आँकड़े, सरकारी फाइलें, या विश्वसनीय संस्थाओं की रिपोर्ट देखना मददगार रहता है।
अंत में, यूज़र रिव्यू और सोशल मीडिया फीडबैक देखिए। अगर लोग लगातार किसी चैनल को ‘भ्रमित’ या ‘पक्षपाती’ कह रहे हैं, तो शायद वही सही संकेत हो। लेकिन सिर्फ एक या दो नकारात्मक कमेंट पर भरोसा न करें, पूरे ट्रेंड को ध्यान में रखें।
इन टिप्स को अपनाकर आप भारतीय अंग्रेजी समाचार चैनलों में से अपने लिये सबसे भरोसेमंद एक चुन सकते हैं। याद रखें, सही खबर आपके फैसले को बेहतर बनाती है, इसलिए थोड़ी मेहनत से आप हमेशा सही सूचना तक पहुंच सकते हैं।
अरे वाह, आज का विषय बहुत ही गरमागरम है! तो चलिए बिना टाइम वेस्ट किए दिवे ही लगते हैं। सभी भारतीय समाचार चैनलों को क्या करना बंद करना चाहिए? अरे यार, ये तो एकदम खिलाड़ी सवाल है, लेकिन मैं तैयार हूँ इसका जवाब देने के लिए। पहले तो ये पार्टी पोलिटिक्स और नेगेटिव न्यूज़ को दिखाना बंद कर दें। और हां, वो अनावश्यक शोर-शराबा और बिना तथ्य सत्य की जांच किए बिना किसी भी खबर को चैनल पर दिखाना, उसे भी छोड़ दें। और हां, मुझे लगता है इसमें थोड़ी हँसी, मजाक और सकारात्मकता भी शामिल होनी चाहिए। ताकि लोगों को ख़बरों से डरने की जरूरत ना हो। कैसे लगा मेरा फंडा? हाँ?
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