अगस्त 2023 का बीबी लाइव समाचार सारांश

बीबी लाइव ने इस महीने एक ज़ोरदार सवाल उठाया – भारतीय समाचार चैनलों को क्या करना बंद करना चाहिए? इस लेख में हम वही बातों को विस्तार से समझेंगे, ताकि आप भी जान सकें कि मीडिया में किस बदलाव की जरूरत है.

नकारात्मकता और निराधार बहस से हटना

पहला मुद्दा है निरर्थक अंतर्विरोध और बार‑बार दोहराए जाने वाले विरोधी‑विरोधी बयान। कई चैनल आज‑कल सिर्फ रेट्स बढ़ाने के लिए राजनीति के टकराव को बढ़ा‑चढ़ा कर पेश करते हैं। इसका असर दर्शकों की थकान और समाचारों से दूरी बन जाता है। अगर चैनल ये शोर‑शराबा छोड़ कर वास्तविक मुद्दों पर ध्यान दें तो दर्शकों का भरोसा फिर से बन सकता है.

फ़ैक्ट‑चेक के बिना खबरें न दिखाएँ

बहुत सी खबरें जल्दी‑बाजी में पेश कर दी जाती हैं, बिना किसी साक्ष्य के। इससे ग़लतफहमी और अफ़वाहें फैलती हैं। बीबी लाइव का मानना है कि हर ख़बर को दो‑तीन स्रोतों से वैरिफ़ाई करना चाहिए। अगर किसी खबर की पुष्टि नहीं है, तो उसे रद्द या कम प्रायोरिटी पर रखें। इससे दर्शकों को भरोसा मिलेगा और चैनलों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी.

अब सवाल यह है – ऐसे बदलाव को कैसे लागू किया जाए? सबसे आसान तरीका है कि चैनलों के प्रोग्रामिंग में वैरिफ़िकेशन टीम बनायी जाए। ये टीम हर रिपोर्ट को जल्दी से जांचे और फॉल्स अलर्ट को रोक सके। छोटे‑छोटे साक्ष्य जैसे सरकारी दस्तावेज़, विशेषज्ञ की राय या ठोस आंकड़े शामिल करने से सामग्री अधिक भरोसेमंद बनती है.

एक और सुझाव है – समाचारों में हल्की‑फुल्की हलकी‑फुलकी बातें और सकारात्मक कहानियों को जोड़ना। लोग लगातार बुरे समाचारों से थकते हैं, इसलिए आधे घंटे की ‘हॉस्पिटल कॉरिडोर’ जैसी ख़ुशी की खबरें जोड़ने से दर्शकों के मूड में भी सुधार आएगा. इससे लोगों को भी महसूस होगा कि खबरें डराने के लिए नहीं, बल्कि समझाने के लिए हैं.

बीबी लाइव ने इस लेख में हल्के‑फुल्के व्यंग्य के साथ गंभीर मुद्दे भी उठाए हैं। आप भी अगर किसी चैनल को देख रहे हैं तो पूछें – क्या यह चैनल आपका समय बर्बाद कर रहा है या आपकी सोच को बढ़ा रहा है? अगर जवाब ‘बर्बाद’ है, तो शायद यही समय है बदलने का.

अंत में, मीडिया को खुद को सुधारने की जरूरत है सिर्फ रेटिंग नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। जब चैनल सकारात्मक, तथ्य‑परक और रोचक समाचार दिखाएंगे, तो दर्शकों का भरोसा फिर से जीतेंगे और एक स्वस्थ लोकतंत्र का निर्माण होगा.

बीबी लाइव का यह लेख अगस्त 2023 का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा – एक साफ़, सीधी और काम की सलाह। अगर आप भी मीडिया में बदलाव चाहते हैं, तो इस विचार को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करिए. बदलाव की शुरुआत छोटे-छोटे कदमों से ही होती है.

सभी भारतीय समाचार चैनलों को क्या करना बंद करना चाहिए?
3 अगस्त 2023

सभी भारतीय समाचार चैनलों को क्या करना बंद करना चाहिए?

अरे वाह, आज का विषय बहुत ही गरमागरम है! तो चलिए बिना टाइम वेस्ट किए दिवे ही लगते हैं। सभी भारतीय समाचार चैनलों को क्या करना बंद करना चाहिए? अरे यार, ये तो एकदम खिलाड़ी सवाल है, लेकिन मैं तैयार हूँ इसका जवाब देने के लिए। पहले तो ये पार्टी पोलिटिक्स और नेगेटिव न्यूज़ को दिखाना बंद कर दें। और हां, वो अनावश्यक शोर-शराबा और बिना तथ्य सत्य की जांच किए बिना किसी भी खबर को चैनल पर दिखाना, उसे भी छोड़ दें। और हां, मुझे लगता है इसमें थोड़ी हँसी, मजाक और सकारात्मकता भी शामिल होनी चाहिए। ताकि लोगों को ख़बरों से डरने की जरूरत ना हो। कैसे लगा मेरा फंडा? हाँ?

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