रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ बेनकाब भ्रष्टाचार अंबेडकर नगर *सांसद ने जलालपुर में ऑक्सीजन पाइप लाइन के लिए दिए 22 लाख*

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रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*सांसद ने जलालपुर में ऑक्सीजन पाइप लाइन के लिए दिए 22 लाख*
अंबेडकरनगर 16 मई । आक्सीजन जनरेटर होने के बावजूद जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी पूरी होने की उम्मीद परवान चढ़ने लगी है। सांसद रितेश पांडे द्वारा इसके लिए शुरू की गई कवायद आखिरकार अंजाम पर पहुंचती दिख रही है । सांसद रितेश पांडे के सांसद निधि में धनराशि कम होने के कारण जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर लग पाना संभव नहीं हो पा रहा था। इसके लिए अकबरपुर विधायक राम अचल राजभर ने 50 लाख रुपए देने की हामी भर ली थी लेकिन जिला प्रशासन ने यह कहकर अड़ंगा लगा दिया था कि एक ही परियोजना के लिए अलग-अलग निधियों से धन लगाया जाना विधि सम्मत नहीं है ।इसलिए जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर लगाए जाने का मामला खटाई में पड़ गया था। अब जिला प्रशासन द्वारा एनटीपीसी के सीएसआर फंड से ऑक्सीजन जनरेटर लगवाने की बात की गई जिसके बाद एनटीपीसी प्रशासन लगभग 80 लाख रुपये की कीमत से जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन जनरेटर लगवाने के लिए तैयार हो गया है। इसको देखते देखते हुए सांसद रितेश पांडे ने सांसद निधि का बचा हुआ 22 लाख रुपया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जलालपुर में ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाने के लिए प्रदान किया हैम वहीं दूसरी तरफ सांसद ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे पर गंभीर सवाल भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि गत वर्ष उन्होंने सांसद निधि से जिला प्रशासन को 50 लाख रुपये जिला अस्पताल में वेंटिलेटर व अन्य चिकित्सकीय उपकरण खरीदने के लिए प्रदान किया था लेकिन वह धनराशि कहां खर्च कर दिया गया, इसका आज तक कोई पता नहीं है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल को वेंटीलेटर समेत अन्य चिकित्सकीय सामग्री क्रय किए जाने के लिए सांसद निधि से दिए गए धन के खर्च का विवरण उपलब्ध कराया जाए कि उस धन को कहां पर खर्च किया गया है। उन्होंने कहा है कि जिला अस्पताल में न तो वेंटीलेटर है, न ऑक्सीजन जनरेटर है और न ही वेंटिलेटर चलाने के लिये एनेथिस्ट व टेक्नीशियन है तो आखिर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं कहां है और पूरा धन कहां पर कैसे खर्च किया गया है। सांसद द्वारा सांसद निधि से दिए गए धन को खर्च किए जाने को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है । यहां यह बताना उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में वर्ष 2013- 14 में ही तत्कालीन सीएमएस डॉ आर के पटेल की मौजूदगी में ऑक्सीजन जनरेटर लगाया गया था लेकिन उस समय कमीशन बाजी के चक्कर में जिला अस्पताल में घटिया जनरेटर लगवा दिया गया जिसके कारण उससे शायद ही कभी आक्सीजन की आपूर्ति हो सकी हो। नियमतः कोई भी इलेक्ट्रिकल सामान 10 साल के पूर्व कंडम नहीं घोषित किया जा सकता । ऐसी स्थिति मेंजिलाअस्पताल में नया जनरेटर लगाए जाने को लेकर भी वैधानिक परेशानी उत्पन्न हो रही है । देखना यह है कि इस परेशानी से जिला प्रशासन कैसे निपटता है।

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