रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*टांडा के ऑक्सीजन प्लांट में सुरक्षा मानकों को लेकर पूरीतरीकेसेअनदेखी,जरूरतमंदों की उमड़ रही है जमकर भीड़*
अम्बेडकरनगर।टांडा के ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट में सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है।बीते दिनों में राजधानी के ऑक्सीजन प्लांट में हुए हादसे के बाद भी यहां हमने कोई खास सबक नहीं लिया है। टांडा के ऑक्सीजन प्लांट में सुरक्षा मानकों को लेकर पूरी तरीके से अनदेखी की जा रही है। जरूरतमंदों की बेतहाशा भीड़ को नियंत्रण करने की कोई प्रशासनिक कार्य योजना सामने नहीं आई है। यह अलग बात है कि प्लांट के प्रोपराइटर भीड़ को निपटाने के लिए गुरुवार को काफी सतर्क रहे जिससे प्लांट पर भीड़ इतनी नहीं नजर आई जितना पहले दिखती थी लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन कोई व्यवस्था स्थाई तौर पर अभी नहीं दे सका हैऑक्सीजन सिलेंडर को रिफिल कराने के लिए बेतहाशा भीड़ ऑक्सीजन प्लांट पर प्रतिदिन इकट्ठा हो रही है। टांडा ऑक्सीजन प्लांट पर राजस्व पुलिस की टीम की तैनाती तो है लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने का यह कोई उपाय नहीं करती है। ऑक्सीजन रिफिलिंग के दौरान यदि असावधानीबश कोई बड़ा हादसा होता है तो जवाबदेही ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूटर के साथ-साथ पुलिस व प्रशासन की भी बनेगी।ऑक्सीजन प्लांट पर क्याहोतीहैअसावधानीऑक्सीजन प्लांट पर जो लोग खाली सिलेंडर लेकर रिफलिंग के लिए आते हैं एक सिलेंडर के साथ तीन लोग दो सिलेंडर के साथ पांच छह लोग से कम नहीं होते हैं, इसलिए अच्छी खासी भीड़ प्लांट पर जमा हो जाती है। जहां से खाली सिलेंडर की रिफिलिंग होती है ठीक उसी के बगल में प्लांट भी चल रहा होता है। भीड़ और प्लांट की दूरी कोई खास नहीं होती। प्लांट में यदि कोई हादसा हुआ तो भीड़ उस हादसे का शिकार हो जाएगी इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।टूट गई भीड़ नियंत्रण करने की व्यवस्था: टांडाऑक्सीजन प्लांट पर भीड़ नियंत्रण करने के लिए उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक ने जो कार्य योजना बनाई उसके मुताबिक भीड़ को 500 मीटर पहले ही बैरिकेडिंग करके रोका जाता रहा। एक व्यक्ति एक सिलेंडर लेकर ही प्लांट तक पहुंचता था जो रिफिल कराने के बाद आराम से वापस हो रहा था, इसमें सोशल डिस्टेंस भी बन रही थी, लेकिन भीड़ नियंत्रण करने केलिएउपजिलाधिकारी की यह व्यवस्था दो एक दिन ही चल सकी। ऐसी कौन सी वजह है कि भीड़ नियंत्रण करने की यह व्यवस्था टूट गई इस पर सभी चुप्पी साध लेते हैं।प्लांट में नहीं है खाली सिलेंडर चेक करने की मशीन: ऑक्सीजन रिफिलिंग करने के पहले खाली सिलेंडर को चेक करना काफी जरूरी होता है, लेकिन टांडा के ऑक्सीजन प्लांट पर खाली सिलेंडर को चेक करने की कोई मशीन अब तक नहीं लग पाई है। अनुराग विश्वकर्मा का कहना है कि खाली सिलेंडर चेक करने वाली मशीन काफी महंगी है। मशीन यदि लग भी जाए तो खाली सिलेंडर को चेक करने में कम से कम 6 घंटे का समय लगेगा, जो इस समय संभव नहीं है। वह बोले कि सावधानी सिर्फ यह बरती जा रही है कि तीमारदार द्वारा लाए गए खाली सिलेंडरों में थोड़ा कम प्रेशर की ऑक्सीजन भरी जाती है जिससे सिलेंडर के फटने का कोई डर न रहे। यहां पर आने वाले सिलेंडर को सिर्फ रिफिल किया जाता है बदला नहीं जाता।
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