रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*घरेलू हिंसा विषय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक सामरता शिविर का आयोजन एवं निरीक्षण किया गया*
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं डॉ बब्बू सारंग, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष,
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार महिला शरणालय, अयोध्या में घरेलू
हिंसा विषय पर वीडियो कांफेन्सिंग के माध्यम से सुश्री प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा
प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक सामरता शिविर का आयोजन एवं निरीक्षण किया गया। इस आनलाईन विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण में श्री कृष्ण भगवान , प्रमारी अधीक्षक महिला शरणालय, अयोध्या द्वारा वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से उक्त शिविर एवं निरीक्षण में प्रतिभाग किया
गया।सुश्री प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग
के माध्यम से शिविर को सन्चोधित करते हुये बताया कि घरेलू हिंसा दुनिया के लगभग हर समाज
मौजूद है। इस शब्द को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। पति या पत्नी, बच्चों या बुजुर्गों के खिलाफ हिंसा कुछ सामान्य रूप से सामने आये ‘मामलों में से कुछ है। पीड़ित के खिलाफ हमलावर द्वारा अपनाई जाने पाली विभिन्न प्रकार की रणनीति है। शारीरिक शोषण, भावनात्मक शोषण,
मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार या पंचितता, आर्थिक अपराध/शोषण आदि घरेलू हिंसा न केवल विकासशील देशों की समस्या है बल्कि यह विकसित देशों में भी बहुत प्रचलित है। सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिये। लेकिन हर साल तेजी से बढ़ते हुये आंकड़े चिंता का विषय है। घरेलू हिंसा में
महिलायें और बच्चे अक्सर सॉफ्ट टारगेट होते हैं। भारतीय समाज में स्थिति वास्तव में भीषण है। केवल
चरेलू हिंसाकेपरिणामस्वरूप, दैनिक आधार पर बड़ी संख्या में मौतें हो रही है। सरकार ने घरेलू हिंसा अधिनियम को बनाया और लागू किया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए में नियन और कानून पेश किये गये हैं। कानून एक प्रभावी अभय देता है और दोषियों से सख्ती से निपटता है।
- अम्बेडकर नगर