रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ बेनकाब भ्रष्टाचार अंबेडकर नगर *जनपद कारागार बनी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल*

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रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*जनपद कारागार बनी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल*
अम्बेडकरनगर।आज जहां देश में संप्रदायिकता का जहर घुला है वहीं जिला कारागार में हिन्दू कैदियों ने एक तरफ माँ दुर्गा की पूजा व आराधना की तो वही दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के कैदियों ने नमाज अदा कर जेल में रहकर भाईचारे का संदेश जनपदवासियों को दिया।जी हाँ, जनपद कारागार में सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल बनी जेल में एक ही बैरक में दुर्गा की आराधना करते हैं,तो मुस्लिम बंदी माहे-पाक़ रमज़ान में रोज़ा रखकर अल्लाह ताला की इबादत करते हुए नमाज़ अदा कर रहे हैं। कैदियों के इस भाईचारे को देखकर तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा गाने के बोल को सच साबित कर दिया है। इतना ही नहीं,एक दूसरे के भक्ति-भाव के प्रति भरपूर सहयोग करते हुए खुशहाली व्यक्त करते हैं। इन बंदियों का कहना है कि कुछ छोटी व सियासी सोच के लोगों द्वारा साम्प्रदायिकता के नाम पर अपनी सियासत चमकाने के लिए ओछी हरकत करके हम लोगों को बांटने का काम किया जाता है। हम भाईचारे को भूलकर आपस में ही लड़ बैठते हैं और एक-दूसरे को ठेस पहुंचाते हैं। जिसकी पीड़ा भी अंततः हमें ही होती है। नवरात्रि पूजा व रमज़ान की नमाज़ अदा करने में एक दूसरे के प्रति भाईचारा व साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल बने बंदियों ने जिला कारागार में इन दिनों पूजा-पाठ व नमाज़ के मामले में बंदी शांत रहते हुए एक दूसरे का पूरा सहयोग करते हैं। वहीं नवरात्रि में उपवास रखने वाले हिंदू सुबह- शाम वक्त पर माँ दुर्गा एवं अन्य देवियों की पूजा-अर्चना करते हैं। मुस्लिम बंदी भी समय से सहरी व इफ़्तार करते हैं, तथा अपना-अपना व्रत व रोज़ा तोड़कर खाद्य पदार्थोंका सेवन कर रहे हैं। सद्भाव के मामले में बंदियों ने जेल से बाहर रहने वाले लोगों को पीछे छोड़ दिया है। एक ही
बैरक में रहने के दौरान मुस्लिम बंदियों ने पांच वक्त की नमाज़ अदा की तो हिन्दू बंदियों ने शांत रहते हुए उन्हें
भरपूर सहयोग किया। जेल प्रशासन उपवास और रोज़ेदारों का रख रहा पूरा ख्याल “जेल अधीक्षक हर्षिता
मिश्रा द्वारा इस पर टिप्पणी करते हुए बताया गया कि प्रशासन द्वारा बंदियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा
जाता है। रोज़ेदार बंदियों को इफ़्तार और सहरी के हिसाब से खजूर, दही, पावरोटी, फल आदि दिये जाते
हैं, वहीं हिंदू बंदियों के लिए नवरात्रि उपवास के चलते फल, उबले आलू, केले, दूध, मीठा आदि की व्यवस्था
की गई है। बड़े ही प्यार से हिंदू-मुस्लिमसाथमेंबैठकरखाना खाते हैं। इस दौरान कुछ हिंदू मुस्लिम बदियों का आपसी प्रेम देखते ही बनता है।

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