रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*आलापुर तहसील के विभिन्न गांवों के किसानों को गेँहू बेचने के लिए 20-25किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी*
अंबेडकरनगर।गेहूं क्रय केंद्रों से राजस्व गांवों के संबद्धीकरण की व्यवस्था में की गई मनमानी किसानों की दुश्वारियां बढ़ाने वाली है। कई गांवों को दूर-दूर के क्रय केंद्रों से जोड़ दिया गया है। इस सूची में कई गांव के नाम ही गायब है, इससे किसान असमंजस में हैं।आलापुर तहसील के विभिन्न गांवों को खाद्य विभाग, पीसीएफ, साधन सहकारी समिति लिमिटेड, सहकारी संघ के 11 क्रय केंद्रों से संबद्ध किया गया है। जो गांव जहां से संबद्ध हैं, किसान सिर्फ उन्हीं केंद्रों पर गेहूं बेच सकेगा। ऐसी व्यवस्था किसानों की सहूलियत के लिए बनाई गई है, लेकिन संबद्धीकरण में की गई मनमानी कई जगह किसानों की परेशानी बढ़ाने वाली है। जहांगीरगंज के निकट जोतपुर जोलहापुर में खाद विभाग द्वारा क्रय केंद्र खोला गया, लेकिन जहांगीरगंज को करीब 20 किलोमीटर दूर बसहिया गंगासागर में साधन सहकारी समिति के क्रय केंद्र से संबद्ध किया गया है। जोतपुर जोलहापुर क्रय केंद्र से कई किलोमीटर दूर रामनगर विकास खंड के गांव कल्याणपुर उर्फ पहितियापुर, बिड़हर खास, इंदईपुर, बारीडीह सिकंदरपुर आदि गांवों को संबद्ध किया गया। इस साधन सहकारी समिति लिमिटेड के तेंदुआ क्रय केंद्र से करीब 25 किलोमीटर दूर के रायपुर बेलवाडांडी, हकीमपुर कला आदि गांवों को जोड़ दिया गया, जबकि सहूलियत के हिसाब से इन गांवों के नजदीक ही अन्य एजेंसियों के क्रय केंद्र खोले गए हैं। ऐसी ही मनमानी के शिकार कई अन्य गांव हुए हैं। इनके संबद्धीकरण को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। हद तो तब हो गई, जब संबद्धीकरण की इस सूची से जहांगीरगंज विकासखंड के प्रमुख गांव नरियांव, जगदीशपुर, फत्तेपुर खास जैसे कई गांवों का नाम ही गायब है। नरियांव के किसान विनोद वर्मा, इंद्रदेव सिंह, कृष्ण मुरारी पांडेय, अभिमन्यु वर्मा, राजेंद्र वर्मा आदि कहते हैं कि उन लोगों को किस केंद्र पर गेहूं बेचना है, इसका पता ही नहीं। ऐसे में किसानों के सामने बड़ी दुश्वारियां खड़ी हो रही हैं। एसडीएम धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोई दिक्कत नहीं होगी। सभी किसानों के गेहूं क्रय कराने की व्यवस्था की जाएगी।
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