*क्षय उन्मूलन के लिए सभी का समन्वित प्रयास जरुरी – सीएमओ* अश्विनी कुमार पाण्डेय ब्यूरो चीफ –

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– विश्व क्षय रोग दिवस पर हुई संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
– नाखून और बाल को छोड़कर हर अंग हो सकता है प्रभावित – डॉ ओझा

*संतकबीरनगर, 24 मार्च 2021।*

क्षय उन्मूलन में चिकित्सा विभाग के साथ ही समाज के हर वर्ग का प्रयास बहुत ही जरुरी है। समन्वित प्रयासों के जरिए ही इसके उपर विजय पाया जा सकता है। इसलिए हम सभी लोग इस संकल्प के साथ आगे बढ़ें कि 2025 तक क्षय रोग को भारत से पूरी तरह समाप्त कर देंगे। यह बातें सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर जिला क्षय रोग विभाग में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कही।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया की टीबी/क्षय रोग एक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रो बैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से पैदा होती है। क्षय रोग संक्रमण के चलते फैलने वाला प्रमुख रोग है। जागरूकता के अभाव में टीबी मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हालांकि क्षय रोग राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी के मरीजों के मृत्य दर में कमी आई है। जनपद में वर्तमान समय में क्षय रोग के जांच की अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। इनकी बदौलत क्षय रोग की पहचान त्वरित तरीके से की जाती है। टीबी आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। लेकिन यह ब्रेन, हड्डी, लिम्फ नोड (गांठ), पेट, जननांग, गुर्दे, हृदय एवं फेफड़े की झिल्ली, त्वचा और आंख आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। इलाज न होने की दशा में यह एमडीआर (मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंस) व एक्सडीआर (एक्सटेंसिव-ड्रग रेजिस्टेंस) टीबी में तब्दील हो जाती है। इसका इलाज लम्बा चलता है और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। इसलिए जरुरी यह है कि हम लोग इससे बचें। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ वी पी पाण्डेय के साथ ही सुपरवाइजर बाबू राम, विशाल, देवव्रत, कविता पाठक, रामबास तथा अन्य लोग मौजूद रहे।

*जनपद में उपलब्ध सुविधाएं*

क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि जनवरी माह से अब तक कुल 373 क्षय रोगी प्रकाश में आए हैं। इनमें से 23 एमडीआर टीबी के हैं। जनपद में मेहदावल, हैसर, सेमरियांवा व जिला अस्पताल में जांच के लिए ट्रूनाट मशीने हैं। अभी तक 120 मरीजों के खाते खुलवाए गए। 2214 मरीजों का इलाज जनपद में अभी चल रहा है। इलाज के लिए 160 डाट्स सेण्टर हैं तथा 200 से अधिक डाट प्रोवाइडर है। वहीं 17 माइक्रोस्कोपिक सेण्टर्स के साथ ही 1 सीबीनाट मशीन भी जांच की सुविधा के लिए है। रोटरी क्लब ने 111 क्षय रोगी बच्चों को गोद लिया है।

*सार्वजनिक स्थानों पर मास्क बांटकर फैलाई गई जागरुकता*

विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय के बैंक चौराहा, रेलवे स्टेशन,रोडवेज, बाईपास जैसे स्थलों पर क्षय रोग विभाग की टीम ने मास्क का वितरण किया तथा लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरुक किया। इस दौरान जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने लोगों से कहा कि मास्क संक्रामक रोगों के लिए बहुत ही आवश्यक है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह लोगों को टीबी से तो बचाता ही है, कोरोना जैसी बीमारी से भी सुरक्षित करता है। इसलिए यह बहुत ही आवश्यक है कि आप लोग मास्क लगाकर टीबी के साथ ही क्षय रोग से भी बचें। इसके अतिरिक्त मेंहदावल, सेमरियांवा,हैसर, पौली तथा अन्य स्थानों पर भी गांवों में जाकर लोगों को मास्क वितरित किया गया तथा मास्क के फायदे बताए गए। मास्क वितरण का यह कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि तकरीबन 3000 लोगों को मास्क वितरित किया गया।

*यह  लक्षण दिखें तो जरुर करा लें जांच*

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा ने बताया कि अगर छह  प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो कतई नजरंदाज न करें। इनमें दो सप्‍ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्‍का बुखार होना।  रात में बेवजह पसीना आना। भूख कम लगने जैसी समस्‍या है तो अवश्‍य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्‍त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।

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