आखिर मान्यता प्राप्त पत्रकार को क्यों नहीं मिल पाई जिला अस्पताल में चिकित्सकीय सहायता? कृष्णानंद पांडेय की रिपोर्ट

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घंटों जिला अस्पताल में चक्कर काटने के बाद प्राइवेट अस्पताल गोरखपुर में ऐडमिट होने को मजबूर हुए पत्रकार पवन श्रीवास्तव

पिछले चार दिनों से कोविड पाज़िटिव है राष्ट्रीय सहारा हिन्दी दैनिक अखबार के ब्यूरो प्रभारी पवन श्रीवास्तव का पूरा परिवार

सीएमओ संतकबीरनगर की लचर और भ्रष्ट कार्यप्रणाली से आहत हैं जिले भर के मीडिया कर्मी

फ्रंट लाइन वर्कर का यह हाल तो सामान्य मरीजों से कैसा बर्ताव करते होंगे स्वास्थ्य कर्मि
सन्त कबीर नगर ၊
वरिष्ठ पत्रकार राष्ट्रीय सहारा समाचार पत्र के जिला प्रतिनिधि पवन श्रीवास्तव जी और उनकी पत्नी पुत्रों के एक साथ कोरोना पाजिटिव होने के बाद जिला स्तर पर सरकारी सेवाओं से मरहुम होना पड़ा ၊
कोविड मरीज को सरकार के गाइड लाइन के अनुसार फ्रन्ट लाइन वर्कर को जो सुविधा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के तरफ से उपलब्ध कराना चाहिए वह नही कराई गयी ၊
शासन द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार श्री पवन श्रीवास्तव को गम्भीर हालत में स्थानीय समाजसेवी विवेक छापड़िया और वरिष्ठ पत्रकार अरूण सिंह की पहल पर और तमाम शुभचिन्तकों के सहयोग से गोरखपुर के नांगलिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है ၊
जनपद मुख्यालय स्थित स्पेशल कोविड हास्पिटल तमाम सुविधाओं से लैस बताया जा रहा है ၊ इसके बावजूद उनका तथा उनके परिवार का इलाज यहाँ क्यों नहीं हो पाया ?
क्या यहाँ का स्पेशल कोविड हास्पिटल सिर्फ कागजों में चल रहा है अथवा फ्रन्ट लाइन वर्कर जो देश और समाज के लिए रात दिन काम करने वाले हैं उन्हें सरकार की ओर से चिन्ता नहीं है ?
जनपद मे तीस वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे वरिष्ठ पत्रकार पवन श्रीवास्तव और उनके परिवार को शासन प्रशासन की उपेक्षा का शिकार होना पड़ेगा, अथवा पत्रकारो के जान की कोई कीमत नहीं रही ၊
इस भेदभाव पूर्ण रवैये से जनपद का प्रत्येक पत्रकार आहत है ၊ बेहद निंदनीय बात तो यह है कि जिले में सांसद से लगायत ब्लाक प्रमुख तक के सभी पदों पर सत्ता पक्ष का कब्जा है। एक स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री भी जिले में मौजूद हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की बद् इंतजामी की सुधि लेने वाला कोई नहीं है।

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