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ऑक्सीजन के लिए तड़पती नवाबगंज की जनता पैनी नजर ने खोला मोर्च
बेनकाब भ्रष्टाचार
राजकुमार सक्सेना ब्यूरो बरेली

आज दिनांक 30/04/2021को कोरोना से क्षेत्र नवाबगंज बरेली में लगातार बढ़ते ग्राफ को देखते हुए कि कब पहुंचेगी ऑक्सीजन इंतजार देखते हुए पैनी नजर सामाजिक संस्था ने उठाई नवाबगंज के अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की मांग जिसके अभाव में लोगो की जाने जाने का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है । एसडीएम आवास पर संस्था अध्यक्ष ने अपने मुख्य पदाधिकारियों के साथ प्रार्थना पत्र देने पहुंची सोए प्रशासन को जगाने हेतु किंतु एसडीएम साहब बाहर नहीं आए उनके किसी कर्मचारी ने बताया की वो सो रहे है बाहर नही आ सकते इस पर संस्था अध्यक्षा एड सुनीता गंगवार ने मजबूर होकर पत्र वहा उनकी मेज पर रख दिया । लाशों पर लाशे गिर रही है वाकई प्रशासन चैन की नीद सो रहा है ।संस्था अध्यक्ष ने बताया कि जब से कोरोना संक्रमण बड़ा है तब से ऑक्सीजन किल्लत नवाबगंज में चल रही है । प्रदेश सरकार के बयान आते है की अस्पतालों में किसी चीज की कमी नहीं है । कब तक झूठ बोलकर सरकार मौत का तांडव मचाती रहेगी । संस्था अध्यक्ष ने कहा की यदि यहां प्रशासन तत्काल में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराता है तो संस्था प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेगी । सुनीता गंगवार ने कहा की अब बात बर्दाश्त के बाहर हो चुकी है नवाबगंज को शमशान नही बनने देगी ।

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Previous articleलोगों लोगों को कराते हैं इस्लाम की सही इच्छाओं का मार्ग दर्शन संवाददाता जयदेव बेनकाब भ्रष्टाचार लोगों को भलाई के रास्ते पर चलने की एक दूसरे की सेवा करने की देते हैं शिक्षा बदायूँ। बदायूं जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर कस्बा बिसौली की वैसे तो अलग पहचान है यह कस्बा शुरू से ही व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। इसी कस्बे में निवास कर रहे मोहम्मद हनीफ को महान इस्लामिक गुरु के रूप में जाना जाता है यह बह शख्सियत है इसने समाज को इस्लामिक शिक्षाओ का सही आइना दिखाया है मोहम्मद हनीफ को जलाली बाबा के नाम से भी जाना जाता है यह फकीर बाबा समाज के लोगों को इस्लाम की सही शिक्षा का मार्गदर्शन कराते हैं और जो भी इनकी शरण में जाता है उसको एक दूसरे की सेवा करने, एक दूसरे की मदद करने की शिक्षा का पाठ पढ़ाते हैं। यह बह धर्मगुरु है जो असहाय, कमजोर, लाचार, जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद करने से पीछे नहीं हटते हैं। यह जलाली बाबा जरूरतमंद की मदद करने के लिए भीख मांगनी पड़े तो भीख मांगने से भी पीछे नहीं हटते हैं। दूर-दूर से लोग बाबा के पास जाते हैं और अपनी अरदास रखते हैं बाबा इन लोगों की सलामती की दुआएं अल्लाह ताला से रो-रोकर करते हैं वैसे तो बाबा ने अपनी फकीरी का परचम लोगों की सेवा करने मदद करने मैं लहराया है रोजे में रहते हुए भी बाबा लोगों की मदद करने से पीछे नहीं हटते हैं बीमार व्यक्तियों की सेवा भी बड़े तन मन और धन से करते हैं जो बीमार व्यक्ति इनकी शरण में जाते हैं अपनी दुआ, अल्लाह ताला से प्रार्थना, देसी नुख्सा के माध्यम से बीमारों की सेवा करते है। वैसे तो जलाली बाबा अपना पूरा जीवन, अपनी पूरी दिनचर्या फकीरी में ही काटते हैं बाबा को अल्लाह ताला, सरकारों के सरकार ख्वाजा गरीब नवाज गौसेपाक पर पूरा अकीदा है बाबा अपने लिए किसी भी तरह की व्यवस्था अर्जित नहीं करते अर्जित करते हैं तो सिर्फ अल्लाह ताला की भक्ति। बाबा रोजे में रहते हुए भी पूरा दिन लोगों की सेवा सत्कार में लगा देते हैं बाबा कहते हैं कि लोगों की सेवा करना, एक दूसरे की भलाई करना ही अल्लाह ताला की सच्ची भक्ति है। बाबा कहते हैं कि सभी धर्म समान है सभी धर्मों की शिक्षाएं एक दूसरे से मिलती हुई हैं इस पूरी कायनात की रचना अल्लाह ताला ने की है तो हम एक दूसरे से क्यों बैर करें, क्यों एक दूसरे के धर्म की बुराई करें। बाबा के अनुसार सबसे पहले इंसान की सेवा करना है इसके बाद परमपिता, ईश्वर, अल्लाह ताला की भक्तिकरना और धर्म की शिक्षाओं का पालन करना है। खुदा की पनाह में आकर के तो देख तेरी तकदीर ना बदल जाए तो कहना। तू इन्हें अपना करके तो देख तेरी तस्वीर ना बदल जाए तो कहना।।

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