रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ बेनकाब भ्रष्टाचार अंबेडकर नगर *उपजिलाधिकारी व उपमुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुए कुमार क्लिनिक को तत्काल प्रभाव से किया गया सील*

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रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*उपजिलाधिकारी व उपमुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुए कुमार क्लिनिक को तत्काल प्रभाव से किया गया सील*

अम्बेडकरनगर।आयुर्वेदिक डिग्री लेकर कुमार क्लिनिक में धड़ल्ले से लोगों की ज़िन्दगियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। उपजिलाधिकारी व उप मुख्य
चिकित्साधिकारी की संयुक्त छापेमारी में मामले का खुलासा हुआ जिसके बाद भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर कर कुमार क्लिनिक को सील कर दिया गया है।जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन के आदेश पर जलालपुर के मित्तूपुर मार्ग पर स्थित कुमार क्लीनिक पर उप जिला अधिकारी जलालपुर अभय पांडेय एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से गुरुवार को छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान हैरान करनेवाली बातें सामने आई जिसके बाद कुमार क्लिनिक को तत्काल सील कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दिनों जिलाधिकारीसैमुअल पॉल एन के संज्ञान में आया था कि कोविड-19 महामारी के दूसरे चक्र के दौरान जनपद के कुछ निजी
चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती करके ऑक्सीजन के नाम पर अत्यधिक धन वसूला जा रहाहैजिलाधिकारी सैमुअल पॉल ने उक्त दोनों अधिकारियों की टीम गठितकरके कुमार क्लीनिक पर निरीक्षण के लिए भेजा।निरीक्षण के दौरान वहां नौ ऑक्सीजन सिलेंडर पाए गए। अस्पताल में कई मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा गया थाऔर कुछ ऑपरेशन किए हुए मरीज भर्ती पाए गए। कुमार क्लीनिक के संचालक डॉक्टर सुरेश यादव से यह पूछने पर कि ऑपरेशन किसके द्वारा किया गया, उन्होंने बताया डॉक्टर संध्या गुप्ता द्वारा ऑपरेशन किया गया, रजिस्ट्रेशन में लगाए गए चिकित्सक से दूरभाष पर बात हुई तोचिकित्सक ने बताया कि मैं आन कॉल जाता हूं किन्तु पिछले 15 दिन से वहां नहीं गया हूं। इस दौरान जिस भीमरीज का इलाज किया गया या भर्ती किए जा रहे मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है।उप मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि डॉक्टर सुरेश यादव एक आयुर्वेदिक चिकित्सक है, वह इस तरह के गंभीर रोगियों को भर्ती व इलाज के लिए अधिकृत नहीं है।कार्यवाही के दौरान दोनों अधिकारियों ने चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को सुरक्षा पूर्वक अन्य हॉस्पिटल में शिफ्टकरते हुए चिकित्सालय की सील कर दिया। ज्ञात हुआ कि सिर्फ पैसा कमाने के उद्देश्य से उनके द्वारा ऐसा कृत्य किया जा रहा है। यह आम जनमानस के स्वास्थ्य व जीवन के साथ खिलवाड़ है। उप मुख्य चिकित्साअधिकारी डॉक्टर संजय वर्मा ने बताया कोई भी प्राइवेटहॉस्पिटल बिना शासन द्वारा अधिकृत हुए किसी कोविड या प्रिजेमटिव कोविड मरीज को भर्ती नहीं कर सकता है। यदि वह इलाज करता भी है तो शासन की गाइड लाइन के अनुसार ही भुगतान ले सकता है व मरीज भर्ती करने पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवश्य सूचना देनी होती है। उन्होंने बताया कि सीएमओ कार्यालय से ऐसी सूचना लिखित रूप से सभी निजी चिकित्सालय को भेजी जा चुकी है। उप जिला अधिकारी जलालपुर अभय
पांडेय ने बताया कि इस महामारी में इस तरह के कृत्य करने वाले को कभी माफ नहीं किया जाएगा उसके
खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। सील किये गए चिकित्सालय में यदि मरीज देखने की सूचना पाई गयी तो सख्त कार्यवाही होगी।

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