रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*घरों में नहीं जल रहा चूल्हा, परेशान मजदूर रोज काम की तलाश में भटक रहे*
अम्बेडकरनगर कोरोना काल में सभी हताश परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हो रही है जो इस संकट के दौर में दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हो गए हैं। घर का राशन धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, ऐसे में वे अब दूसरों से सहयोग की आस लगा रहे हैं। जिले में वीकेंड लाकडाउन लगे होने के बावजूद वे हर सुबह काम की तलाश में शहर पहुंच रहे हैं। ये कामगार हर दिन फौवारा चौक के आसपास कई दुकानों के चबूतरो पर बैठे हुए कातर निगाहों से लोगों को देखते रहते हैं कि कोई उन्हें छोटा काम दे दे ताकि वे उस काम से मिले पैसे से अपने आर्थिक स्थिति को कुछ हद तक सुधार सके।
रोज काम करके परिवार को पालने वाले लोगों के सामने वीकेंड लॉकडाउन की वजह से संकट शुरू हो गया है। दिहाड़ी मजदूर इस उम्मीद से सुबह लेबर चौक पर मजदूर एकत्रित हो रहे हैं। मजदूरों की संख्या जरूर कम है।
मजदूरों ने बताया कि घर में पैसे की किल्लत हो गई है। इसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जनपद मुख्यालय पर काम के लिए आते हैं, लेकिन काम ही नहीं मिल रहा। कोरोना के कारण काफी दिक्कत हो रही है। वीकेंड लाकडाउन खत्म होने के बाद ही कुछ राहत मिल पाएगी। बंशी देवांगन, रामचरण, केसूराम ने कहा कि घर में जमा पूंजी भी अब खत्म हो गई है, काफी परेशानियां बढ़ गई है। खर्च करने के लिए हाथ में रुपये नहीं है।जनपद में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है, महाराष्ट्र जैसे राज्य में मिनी लॉक डाउन लग चुका है, वहां से पलायन शुरू हो गया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है अगर जल्द ही हालात कण्ट्रोल में नहीं हुए तो पूरे देश में फिर से लॉकडाउन लग सकता है।मजदूर इस भय से जी रहे हैं कि अगर दोबारा लॉकडाउन लग गया तो वो फिर खाने को मजबूर हो जाएंगे।
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