रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए नहीं हो पा रही है कोई समुचित व्यवस्था,बेड का आभाव*
अंबेडकरनगर।’वर्तमान समय में जिला चिकित्सालय में बेड खाली नहीं है। कृपया अन्य चिकित्सालय में संपर्क करें।’ यह नोटिस जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड के बाहर दरवाजे पर चस्पा की गई है। यह सूचना मरीजों के साथ तीमारदारों की धड़कनों को इसलिए और भी बढ़ा रही है कि इस विषम हालात में अब कहां जाएं। वहीं निजी हास्पिटल वाले भी पूरी तरह हाथ खड़ा कर चुके हैं। ऐसे में वृद्धजन व फेफड़े के संक्रमण से ग्रसित मरीज अब भगवान भरोसे हैं।व्यवस्था में दखल रखने वाले व्यक्तियों के पास इन दिनों चारों तरफ से एक ही सिफारिश आ रही है कि किसी तरह हास्पिटल में एक बेड दिला दीजिए। इलाज कैसा होगा, यह कोई नहीं पूछ रहा। मरीजों का दबाव बढ़ने से दो दिनों में जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी 28 से बढ़कर 56 बेड की शुरू हो गई है। इन सभी मरीजों को आक्सीजन के सहारे रखा गया है। इसके बाद भी एक से एक गंभीर मरीजों का तांता लगा हुआ है।उधर, सीएमएस डा. ओमप्रकाश ने यहां यह सूचना चस्पा करा दी। अब यहां आने वाले मरीज इस नोटिस को देखकर हैरान हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि अब उनका इलाज कहां होगा? इसका जवाब स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है। निजी हास्पिटल संचालकों ने कोविड की बात कहकर मरीजों को देखना बंद कर दिया है, जबकि शासन ने सभी निजी हॉस्पिटल को सख्त निर्देश दिया है कि मरीजों को इलाज जरूर करें।24 घंटे में 150 आक्सीजन सिलिडर की खपत: जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में 20 बेड, उसके बगल गलियारे में पांच और तीन मरीज स्ट्रेचर पर आक्सीजन लेकर इलाज करा रहे हैं। इसके अलावा अन्य सामान्य वार्डो में भी 28 मरीज दो दिन में शिफ्ट कर दिए गए हैं। सीएमएस ने बताया कि वर्तमान समय में तीन से चार बार में सिलिडर मंगाया जा रहा है। इसमें 150 सिलिडर की खपत है।तीमारदारों का छलका दर्द : कटेहरी ब्लाक के हरिश्चंद्रपुर निवासी राम कुमार मिश्र, जलालपुर निवासी अभिषेक कुमार, प्रभावती सहित कई तीमारदारों ने बताया कि सीटी स्कैन कराने के बाद फेफड़े में आठ से 15 फीसद तक संक्रमण आया है। मरीज को लेकर जिला अस्पताल गए तो वहां बेड और आक्सीजन नहीं मिला। मेडिकल कालेज में भी बेड की किल्लत बताकर वापस कर दिया गया।संक्रमण का पता लगने के बाद मरीज को तत्काल अस्पताल लें जाएं। इस समय बेड की परेशानी है, इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
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