रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*किसानों की फसल चौपट कर रहे बेसहारा पशु*
अम्बेडकरनगर।गरीब किसानों को और भी गरीब बनाने में बेसहारा पशुओं की बड़ी भूमिका है। नीलगायों के आतंक से किसान इधर कुछ वर्षो से इतना परेशान था ही अब छुट्टा सांड़ व भैसों ने किसानों के नाक में दम कर दिया हैं। जिसके चलते किसान अब अपने खेती के पैटर्न को ही बदलने या छोड़ने को मजबूर हो गए है।
किसानों के खेतों में बोई जा रही फसलों पर एक बार फिर अन्ना जानवरों ने हमला बोलकर फसलों को नष्ट करना शुरू कर दिया है। बीते कई वर्षों से नुकसान झेल रहे किसानों ने प्रशासन से अन्ना जानवरों से बचाने की गुहार लगायी है।सैकड़ों की संख्या में आवारा विचरण कर रहे जानवर किसानों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। इन आवारा जानवरों में सर्वाधिक संख्या उन गायों व उनके बछड़ो की है जिन्हें दूध न देने या बीमार हो जाने की स्थिति में उनके मालिकों द्वारा अन्ना छोड़ दिया गया। इन अन्ना गायों का झुंड कभी इस गांव तो कभी उस गांव में घुसकर किसानों की फसलें रौंदकर बर्बाद कर रहा है। पिछले वर्षों से आई कोरोना जैसी भयंकर बीमारी का शिकार हुए किसानों ने किसी तरह उधारी लेकर अपने खेतों को तैयार कर उड़द मूंग,गन्ना चरी आदि की फसल बोई है जिस पर अन्ना जानवरों ने हमला बोल दिया है। ग्राम जरुखा तथा ग्राम संग्रामपुर के सैकड़ों का कहना है कि अन्ना जानवर उनके खेतों की फसल बर्बाद कर रहे हैं जिससे किसान रात रात भर खेतों में रहकर रखवाली कर रहा है। अगर अन्ना जानवर रोके नहीं जाते तो किसान के पास आत्महत्या के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा। किसानों का कहना था कि प्रशासन अन्ना घूम रहे जानवरों को पकड़वाकर कटेहरी बने गौशाला या कहीं बाहर छुड़वाये ताकि किसान अपनी फसल की रखा कर सकें। अगर इस बार प्रशासन इन अन्ना जानवरों के प्रति गंभीर नहीं हुए तो कई किसान वाकई आत्महत्या करने पर मजबूर हो जायेंगे।
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