विनय कुमार शुक्ला
बेनकाब भ्रष्टाचार न्यूज़ चैनल बहराइच
बहराइच। बाबासहाब भीमराव अंबेडकर जी जयंती के पावन अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया
अधिवक्ताओं ने बताया कि डॉ. बी आर अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महाराष्ट्र के एक महार परिवार में हुआ। इनका बचपन ऐसी सामाजिक, आर्थिक दशाओं में बीता जहां दलितों को निम्न स्थान प्राप्त था। दलितों के बच्चे पाठशाला में बैठने के लिए स्वयं ही टाट-पट्टी लेकर जाते थे। वे अन्य उच्च जाति के बच्चों के साथ नहीं बैठ सकते थे। डॉ. अम्बेडकर के मन पर इस छुआछूत का व्यापक असर पड़ा जो बाद में विस्फोटक रूप में सामने आया। स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में मान्यता प्राप्त, भारतीय गणराज्य की संपूर्ण अवधारणा के निर्माण में अम्बेडकर जी का योगदान बहुत बड़ा है। जिन्ना जैसे राष्ट्रवादी लोगों के बहकावे में न आकर उन्होंने अखंड भारतके निर्माण में सहयोग किया! वक्ताओं ने अंबेडकर जी के जीवन पर क्रमवार व्यापक प्रकाश डाला !
इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक मायाराम आजाद, स्थाई लोक अदालत के न्यायिक सदस्य अनिल कुमार त्रिपाठी,राम छबीले शुक्ला, शैलेंद्र त्रिपाठी, ओमकार सिंह. शकील किदवई, राम नारायण मिश्रा, मनोज मिश्रा,गया प्रसाद मिश्रा, रामशरण वर्मा, प्रमोद आजाद, धर्मेंद्र वर्मा, अरविंद कुमार, आनंद प्रताप सिंह, वीरेंद्र कुमार वर्मा, बृजेश शुक्ला, दिनेश त्रिपाठी, आलोक सोनकर,जितेंद्र पांडे, रितुराज, मदन गोपाल त्रिपाठी, अजनबी, नसरीन बेगम किशोरी लाल चौधरी,सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे |