*प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मई में ही कराने की तैयारी, प्रस्ताव तैयार*
बेनकाब भ्रष्टाचार संवाददाता बहराइच
बहराइच :- प्रदेश सरकार इसी महीने जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। ब्लॉक प्रमुख के चुनाव संबंधी प्रक्रिया 14 मई से व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव संबंधी कार्यवाही 20 मई से शुरू करने का प्रस्ताव है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने की अधिसूचना जारी होने के बाद पंचायतीराज विभाग ने क्षेत्र पंचायत प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। ब्लॉक प्रमुख के चुनाव 14 से 17 मई के बीच कराने की योजना है।
इसमें नवनिर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य मतदाता होंगे। इसी तरह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव 20 से 27 मई के बीच कराए जा सकते हैं। इसमें नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य मतदान करेंगे। इस पर उच्च स्तर से सहमति मिलने के बाद क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रस्तावित तिथियों को राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। आयोग चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम जारी करेगा।
उधर, कुछ जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव पहले कराया जाए। पर, यह उच्च स्तर पर तय होना है कि कौन सा चुनाव पहले हो। अगर सुझावों पर विचार कर कार्यक्रम को आगे-पीछे करने पर सहमति बनी तो प्रस्तावित कार्यक्रम बदल सकता है। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का जोड़तोड़ शुरू जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। सांसद, विधायक व पार्टियां विधानसभा चुनाव से पहले अपना दबदबा दिखाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पदों पर कब्जे के प्रयास में हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्यों का चुनाव पूरी तरह गैरदलीय व्यवस्था में लड़ा गया। अब क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों के लिए दावेदारों ने अधिकतम क्षेत्र पंचायत सदस्यों को अपने पाले में करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
इसमें किसी भी कीमत पर निर्वाचन प्रमाणपत्र अपने पास मंगाकर रखने से लेकर विजयी सदस्यों को अपने पक्ष में करने के प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी ओर, प्रमुख राजनीतिक दलों ने जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव बिना पार्टी सिंबल के दलीय आधार पर लड़ा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव का महत्व सबसे ज्यादा है। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में सर्वाधिक सदस्य निर्दलीय जीते हैं। ऐसे में निर्दलीय सदस्यों को अपने पाले में खींचने के लिए भी विभिन्न स्तर के प्रयास तेज हो गए हैं।