*कोरोना की दूसरी लहर से निबटने के लिए जनपद को मिले दो करोड़*
– राज्य आपदा मोचक निधि से जारी की गई है धनराशि
– डीएम की अध्यक्षता में गठित टीम खर्च करेंगी धनराशि
*संतकबीरनगर, 20 अप्रैल 2021।*
कोरोना की दूसरी लहर से निबटने के लिए जनपद को दो करोड़ रुपए राज्य आपदा मोचक निधि से दिए गए हैं। डीएम की अध्यक्षता में गठित की गई छह सदस्यीय टीम इस धनराशि को कोविड – 19 से निबटने में व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के लिए करेगी। पूरे प्रदेश के लिए जारी दो अरब 25 करोड़ रुपए में से यह धनराशि संतकबीरनगर जनपद के लिए आवंटित हुई है।
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मोहन झा ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार इस धनराशि से कोविड पर अंकुश लगाया जाएगा। इसके साथ ही कड़ा दिशा – निर्देश यह है कि इस राशि का उपयोग जिस मद में धनराशि स्वीकृत की जा रही है, उसी मद में किया जाय। अन्य किसी मद में या विभागीय कार्य के लिए इस धन का उपयोग नहीं होगा। औषधियों व मेडिकल उपकरणों की खरीदारी में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों व वित्तीय नियमों का पूरा पालन किया जाएगा। जिन कार्यों के लिए एनएचएम में धनराशि उपलब्ध है, उन मदों में इसका उपयोग नहीं किया जाएगा। इस धनराशि का उपयोग जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय टीम करेगी, जिसमे डीएम, सीएमओ, जहां मेडिकल कालेज हो वहां के प्रधानाचार्य, मुख्य विकास अधिकारी, प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय, व कोषाधिकारी शामिल होंगे।
*इन कार्यों में खर्च होगी धनराशि*
इस धनराशि का उपयोग किन मदों में किया जाएगा यह भी गाइड लाइन में तय है। इससे दवाएं, पीपीई किट, थर्मल स्कैनर, होम मेडिकल किट, आक्सीजन सिलिण्डर की खरीद होगी। कोविड टेस्टिंग किट भी खरीदी जा सकती है तथा आवश्यकता पड़ने पर निजी लैब में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निर्धारित दर पर जांच भी कराई जा सकती है। साथ ही स्वास्थ्य व गृह विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कण्टेनमेण्ट जोन के के लिए खर्च किया जाएगा। सर्विलांस व स्क्रीनिंग के लिए डाटा एण्ट्री जैसी सेवाएं आउटसोर्सिंग पर अनुमन्य होंगी किन्तु मानव सेवा जैसे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन आदि की संविदा सेवाएं मान्य नहीं होंगी, इनके उपर होने वाला खर्च एनएचएम के द्वारा किया जाएगा।
*किराए पर वाहन भी ले सकेंगे*
कोविड 19 के सर्विलांस, स्क्रीनिंग आपरेशन व कान्टैक्ट ट्रेसिंग की गतिविधियों में वाहन किराए पर लिया जा सकता है, ताकि सर्विलांस, सैम्पलिंग तथा आरआरटी गतिविधियों को निर्बाध रुप से चलाया जा सके। ए श्रेणी के जनपद में अधिकतम 15 तथा बी व सी श्रेणी के जनपद में अधिकतम 10 वाहन किराए पर लिए जा सकेंगे। सभी वाहनों पर खर्चे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निर्धारित टेण्डर दर से अधिक नहीं होंगे।